बहुधुरी कूटनीति: बदलती वैश्विक व्यवस्था में भारत का संतुलित उभार

 India–EFTA FTA & the $100 Billion Investment Commitment by Ravi Kumar Manjhi.


भारत ने यूरोपीय फ़्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) के साथ एक ऐतिहासिक Free Trade Agreement (FTA) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत EFTA देशों ने भारत में अगले 15 वर्षों में 100 बिलियन डॉलर FDI का लक्ष्य तय किया है। यह करार भारत के उभरते ऊर्जा, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के लिए एक नई दिशा खोलता है।

FTA का मतलब 
What is an FTA (Free Trade Agreement)?

FTA, यानी Free Trade Agreement, दो देशों के बीच ऐसा समझौता है जिसमें व्यापार पर लगने वाली रुकावटें, जैसे टैरिफ (शुल्क), कोटा, गैर-शुल्क बाधाएँ (Non-Tariff Barriers) कम या समाप्त कर दी जाती हैं।

EFTA क्या है?
What is EFTA?

EFTA चार देशों का समूह है: स्विट्ज़रलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड, लिक्टेनस्टीन ये यूरोपीय संघ का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन विश्व व्यापार में अत्यधिक प्रभावशाली अर्थव्यवस्थाएँ हैं।

100 बिलियन डॉलर निवेश लक्ष्य 
$100 Billion Investment Commitment

TEPA के तहत EFTA देशों ने भारत में पहले 10 वर्षों में 50 बिलियन डॉलर, अगले 5 वर्षों में 50 बिलियन डॉलर कुल 100 बिलियन डॉलर FDI लाने का वादा किया है। यह एक लक्ष्य है, गारंटी नहीं; लेकिन भारत के लिए यह ऐतिहासिक अवसर है क्योंकि इतना बड़ा FDI किसी एक FTA के तहत पहली बार सामने आया है।

भारत को लाभ 
Benefits for India

1. विनिर्माण क्षमता में वृद्धि: FDI से देश में नए उद्योगों और तकनीक का विस्तार होगा।

2. रोज़गार सृजन: अनुमान है कि यह निवेश 10 लाख से अधिक नौकरियाँ पैदा कर सकता है।

3. निर्यात को बढ़ावा: भारतीय उत्पादों को यूरोपीय बाज़ारों में ज्यादा आसानी से प्रवेश मिलेगा।

ऊर्जा-यथार्थवाद और भारत की रणनीति 
Energy Realism in India’s Global Strategy

भारत ने हाल ही में कतर के साथ 2048 तक का लंबी अवधि का LNG करार भी किया है। यह ऊर्जा-यथार्थवाद (Energy Realism) की एक मिसाल है, जिसका उद्देश्य है: स्थायी ऊर्जा आपूर्ति, कीमतों में स्थिरता, आयात जोखिम कम करना|

यह समझौता क्यों विशेष है?
Why the Agreement is Unique

यह दुनिया का पहला FTA है जिसमें किसी देश समूह ने निवेश का लंबी अवधि का संख्यात्मक लक्ष्य तय किया है| भारत को WTO-प्लस स्तर की बाज़ार पहुँच मिली है। समझौते में यह भी प्रावधान है कि यदि निवेश पूरा नहीं होता, तो भारत शुल्क में दी गई रियायतें वापस ले सकता है।

निष्कर्ष 
Conclusion

भारत–EFTA FTA वैश्विक व्यापार में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। 100 बिलियन डॉलर के निवेश लक्ष्य से भारत में विनिर्माण, ऊर्जा और रोजगार बाज़ार में बड़ा परिवर्तन संभावित है। यह समझौता भारत को वैश्विक दक्षिण से वैश्विक आर्थिक केंद्र की ओर आगे बढ़ने का अवसर देता है।


India EFTA FTA, 100 billion dollar investment, India trade agreements, TEPA, Free Trade Agreement India, EFTA countries, India FDI news, भारत एफटीए, विदेशी निवेश भारत, UPSC notes by ravi kumar manjhi, bilingual by ravi.





लेखक: रवि कुमार माँझी

(अबु धाबी, संयुक्त अरब अमीरात)

संपर्क: bilingualbyravi@gmail.com

+91 9479259772 (WhatsApp)


Connect with Me:

YouTube : https://www.youtube.com/@bilingualbyravi

Instagram: https://www.instagram.com/bilingualbyravi/

Facebook : https://www.facebook.com/bilingualbyravi

BlogSpot : https://bilingualbyravi.blogspot.com/

WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VakQLWz42DcoNoozO90J

X : https://x.com/bilingualbyravi

TikTok : https://www.tiktok.com/@bilingualbyravi






Comments

Popular posts from this blog

युवाओं की शिक्षा, नशा और सोशल मीडिया की जंग

भारत पर अमेरिकी टैरिफ: कारण, प्रभाव और समाधान

नेबरहुड फर्स्ट: नारे से आगे बढ़ने का समय